कौनसा कार्य है, जो परमेश्वर मुझसे कराना चाहते है?
परमेश्वर ने मुझे किसके साथ जोड़ा है?
मेरे लिये प्रभु की स्तुति आराधना करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
मैं परमेश्वर से जो स्वर्ग में है कैसे बातचीत कर सकता हूँ?
मुझे यह विचार बार-बार क्यों आते है?
क्या मेरा भविष्य उसके हाथ में सुरक्षित है?
जो अनंत है और महत्वपूर्ण है उस पर मैं अपना ध्यान कैसे रखूँ?
मैं अपने काम में परमेश्वर की सेवा कैसे करूँ?
मैं अपने जीवन में संतुलन कैसे बनाकऱ चलूँ?